IPO के फायदे और नुकसान क्या हैं निवेश करने से पहले जान लें

IPO के फायदे और नुकसान: जब से भारत में शेयर मार्केट लोकप्रिय हुआ है तब से लोग इसके बारे में काफी ज्यादा सर्च कर रहे हैं खासकर जब कोई कंपनी शेयर बाजार में अपना IPO लाती है तो निवेशकों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है IPO में निवेश करने के लिए ब्रोकर्स और दूसरी कंपनियां अपनी अपनी रिपोर्ट पेश करती हैं।

निवेशकों को किस कंपनी के IPO से फायदा होगा इसका अंदाजा लगाना ट्रेडिंग करने जितना ही मुस्किल है दरअसल बीते सालों में कई लोकप्रिय कंपनियों के आईपीओ पेश किये गए थे उन कंपनी की लोकप्रियता को देखते हुए पब्लिक ने काफी पैसा इनके IPO में निवेश कर दिया था लेकिन आज भी यह कंपनियां अपने निवेशकों को घाटा दे रही हैं।

IPO के फायदे और नुकसान

जो भी निवेशक सालों से शेयर मार्केट के जरिये कंपनियों में निवेश कर रहे हैं उन्हें IPO की काफी अच्छी समझ होती है क्योंकि इसमें उन्हें सालों का एक्सपीरियंस होता है जिससे बेसिस पर ही वह आईपीओ में निवेश करते हैं लेकिन जो व्यक्ति शेयर मार्केट की दुनिया में नए हैं उन्हें आईपीओ में निवेश करने से पहले अच्छी रिसर्च कर लेना चाहिए इससे वह IPO के नुकसान से बच सकते हैं।

IPO क्या होता है

जब भी किसी कंपनी को अपना व्यापार बढ़ाने के लिए ज्यादा पैसों की आवश्यकता होती है तो वह शेयर मार्केट में लिस्ट होकर अपना IPO लाती है इसे Initial Public Offering कहते हैं इसकी मदद से कंपनी प्राइवेट की जगह सार्वजनिक बन जाती है और इसमें अब कोई भी निवेश कर सकता है।

जब कंपनी IPO पेश करती है तो इसके जरिये वह पब्लिक या संस्थानों से करोड़ों रुपयों की पूंजी इकठ्ठा कर लेती है इन पैसों का उपयोग कंपनी मुख्य रूप से अपने व्यापार को और भी ज्यादा बढ़ाने में करती है इसके बाद जब भी कंपनी को मुनाफा होता है तो उसे कंपनी को अपने शेयरधारकों के बीच शेयर करना होता है।

काफी लोग सोच रहे होंगे कि IPO कोई भी कंपनी ला सकती है लेकिन ऐसा नहीं है दरअसल किसी कंपनी को अपना IPO लाने से पहले कई मानकों में खरा उतरना होता है और एक महंगी प्रक्रिया होती है ऐसे में जिन कंपनियों का वैल्यूएशन काफी अच्छा हो गया है वह इसके लिए आवेदन कर सकती हैं।

IPO के फायदे और नुकसान

इस दुनिया में हर चीज के दो पहलु होते हैं इसी तरह IPO से फायदे के साथ कुछ नुकसान भी हैं।

IPO के फायदे

  • किसी कंपनी के लिए आईपीओ का उद्देश्य कंपनी के व्यापार के लिए पैसा इकठ्ठा करना होता है और यही कंपनी का सबसे बड़ा फायदा है।
  • IPO कंपनी को अधिक लोन लेने में मदद कर सकता है क्योंकि इससे कंपनी के फंडामेंटल में पारदर्शिता आ जाती है।
  • कंपनी के सा र्वजनिक होने से वह दूसरी पेशकश करके अतिरिक्त धन जुटा सकती है।
  • इसमें आम जनता का भी फायदा है दरअसल कंपनी के आईपीओ लाने से उसमें आम जनता भी निवेश कर सकती है।
  • निवेशक आईपीओ में इन्वेस्ट करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं लेकिन यह ट्रेडिंग की तरह आपका नुकसान भी करवा सकता है।
  • आम जनता अगर आईपीओ में निवेश करती है इसमें दूसरे निवेशक साधनों से कम खतरा रहता है।

IPO के नुकसान

  • IPO पेश करने का सबसे बड़ा नुकसान इसकी प्रक्रिया है दरअसल किसी कंपनी के लिए आईपीओ लाना काफी महंगी प्रक्रिया होती है।
  • कंपनी का आईपीओ आ जाने के बाद आर्थिक, लागत, मुनाफा और अन्य व्यावसायिक जैसी कई जानकारियां को सार्वजनिक करना होता है लेकिन प्रतिस्पर्धा में शामिल कंपनियां इस जानकारी का उपयोग अपने फायदे के लिए कर सकती हैं।
  • कंपनी के शेयर में उतार चढ़ाव मैनेजमेंट को परेशान कर सकता है क्योंकि आईपीओ के आने के बाद कंपनी की परफॉर्मेंस का आंकलन शेयर की प्राइस से होने लगता है।
  • कई बार कंपनियां निवेशकों को लुभाने के लिए अपने शेयर की वैल्यू बढ़ाने के लिए शेयर को खुद ही वापस से खरीदना शुरू कर देती हैं लेकिन इसमें लिया जाने वाला अत्यधिक लोन कंपनी में अस्थिरता बढ़ा देता है।
  • IPO लाने के बाद कंपनी के नेतृत्व में परिवर्तन हो सकता है अगर किसी दूसरी संस्था या निवेशक ने कंपनी में काफी ज्यादा शेयर खरीद लिए तो उसकी हिस्सेदारी कंपनी के नेतृत्व में प्रभाव डाल सकती है।
  • आईपीओ से निवेशकों को भी नुकसान हो सकता है दरअसल कंपनी अपने आईपीओ को जिस प्राइस बेस में पेश करती है अगर मार्केट उसे स्वीकार्य नहीं करता है तो इससे निवेशकों को भी नुकसान होता है।

IPO कैसे काम करता है

IPO के काम करने का तरीका काफी आसान है इसे चार बिंदु में समझ सकते हैं।

  • किसी कंपनी को अपना आईपीओ लाने के लिए सबसे पहले एक विशेषज्ञ टीम की जरुरत पड़ती है जिसमें अंडरराइटर, अकाउंटेंट और वकील जैसे अनुभवी लोग होते हैं।
  • अब विशेषज्ञों की टीम फाइलें तैयार करती है जिसमें कंपनी के आईपीओ से जुड़ी सभी जानकारियां होती हैं इन फाइलों की समीक्षा SEBI करती है जहाँ कुछ जानकारी अधूरी होने पर SEBI इसे अस्वीकृत भी कर सकती है जब फाइलें स्वीकृत हो जाती हैं तो कंपनी अगले पढ़ाव की तरफ बढ़ती है।
  • इसके बाद कंपनी को अपने आईपीओ को प्रचार करना होता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग और संस्था इसमें निवेश कर सकें।
  • अंतिम पढ़ाव में कंपनी को अपने आईपीओ का प्राइस तय करके उसे एक फिक्स डेट में पेश करना होता है आईपीओ को पेश करने के लिए कंपनी की प्राथमिकता ऐसा समय होता है जिसके दौरान शेयर मार्केट में कोई दूसरा आईपीओ टक्कर न दे।

कंपनी का आईपीओ कुछ टाइम के लिए पेश किया जाता है जिसमें कुछ ऑफर भी दिए जाते हैं जब आईपीओ लांच की तय सीमा निकल जाती है तो कंपनी शेयर के रूप में शेयर मार्केट में ट्रैड करने लगती है।

IPO कितने प्रकार के होते हैं

अगर कोई कंपनी अपना आईपीओ लाना चाहती है तो सामान्यता आईपीओ दो प्रकार के होते हैं।

1. फिक्स्ड प्राइस आईपीओ

इस IPO के नाम से ही पता चल रहा है यह निश्चित मूल्य में पेश होने वाला आईपीओ है इस आईपीओ को पेश करने से पहले कंपनी अपने शेयर की प्राइस को फिक्स रखती है और इसे लाने से पहले वह मार्केट में अच्छे से रिसर्च कर लेती है और साथ यह भी तय कर लेती है कि शेयर की कौन सी प्राइस से वह अपना टारगेट पूरा कर लेंगे।

2. बुक बिल्डिंग आईपीओ

इस IPO में शेयर की कोई विशिष्ट कीमत नहीं बताई जाती है इस प्रक्रिया में निवेशकों को शेयर पर बोली लगाना होता है इसमें कंपनी का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा पैसा इकठ्ठा करना होता है जबकि निवेशक का उद्देश्य कम से कम कीमत में अधिक शेयर खरीदना होता है जब दोनों में तालमेल बैठ जाता है तो शेयर की कीमत को अंतिम रूप दे दिया जाता है।

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FAQs

IPO का पूरा नाम क्या है?

IPO का पूरा नाम Initial Public Offering है जिसे हिंदी में प्रारंभिक पब्लिक पेशकश कहते हैं इसका मतलब कोई कंपनी शेयर बाजार में पब्लिक से पैसे जुटाने के लिए पेश की जा रही है।

क्या आईपीओ में नुकसान होता है?

शेयर मार्केट में लगभग ट्रेडिंग प्रक्रिया फायदे और नुकसान वाली होती है इसी तरह IPO भी नुकसान की संभावना होती है इसलिए आपको कभी भी इसमें उधार लेकर निवेश नहीं करना चाहिए इसमें असफल होने पर आपको दोहरा नुकसान हो सकता है।

क्या आईपीओ एक अच्छा निवेश है?

जब भी कंपनी IPO लाती है तो वह प्राइवेट से सार्वजानिक बनती है ऐसे में उसके पास सार्वजानिक संचालन का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है आईपीओ के बाद कंपनी में काफी चीजें बदलनी होती है इसलिए आईपीओ का निवेश जोखिमभरा होता है।

IPO को कब बेच सकते हैं?

अलॉटमेंट के कुछ दिन बाद आईपीओ के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए लिस्ट हो जाते हैं आप अपने आईपीओ के शेयर शेयर लिस्टिंग के पहले ही दिन बेच सकते हैं और इसी दिन आप अपने आईपीओ के फायदे और नुकसान का अंदाजा लगा सकते हैं।

निष्कर्ष

तो अब आप IPO के फायदे और नुकसान जान गए होंगे आईपीओ में निवेश करना भी एक ट्रेडिंग के समान है जिसमे आपको फायदा और नुकसान दोनों हो सकते हैं भारतीय शेयर बाजार में आये दिन नए नए आईपीओ आ रहे हैं ऐसे में शेयर मार्केट की दुनिया में आईपीओ भी चर्चा का विषय बना रहता है।

किसी आईपीओ में निवेश करने से पहले निवेशक को अच्छे से रिसर्च कर लेना चाहिए खासकर नए निवेशक को इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए इससे उनको सही निर्णय लेने में आसानी होगी।

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